राष्ट्रीय भारत न्यूज़ 100
कलेक्टर आशीष सिंह और सीईओ अहिरवार की ओर से पहली बार हुई साख, क्षेत्रीय संवाद से निकाली गई समस्या का समाधान* *नए मंदिर में हुई मूर्ति मूर्ति* इंदौर। एडवरटाइज डेवलपमेंट अथॉरिटी के द्वारा निर्मित जा रहे खजराना और लवकुश डेविल्स स्टूडियो ब्रिज की राह में दो तीर्थों ने जगह दे दी है। इसके परिणाम स्वरुप अब इन दोनों का काम तेज गति से चल जाएगा। प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नए मंदिर में इन पुजारियों की मूर्तियों को तोड़ दिया गया है। प्राधिकरण द्वारा डेकोरेटिव शहर के विकास को गति देने के लिए चारों दिशाओं में एंटरटेनमेंट ओवर ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। खजराना का एंटरप्राइजेज ओवरब्रिज तेज गति के साथ पूर्णता की ओर बढ़ रहा है। इस ट्रस्टओवर ब्रिज की एक भुजा तो पूरी तरह से तैयार है दूसरी तरफ भुजा की राह में खजराना गणेश मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते के ग्रीन बेल्ट पर बना हुआ राम – हनुमान मंदिर बाधा बन रहा था। इस बाधा को दूर करने के लिए प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राम प्रकाश अहिरवार के अधिष्ठाता आशिष सिंह के साथ क्षेत्र के लोगों और मंदिरों में पूजा-अर्चना के कार्य करने वालों से संवाद किया जा रहा था। किसी भी समस्या का आपसी समझ के साथ समाधान किया जाना चाहिए। इस समाधान को पाने में जिला प्रशासन के सहयोग से अहिरवार सफल हो रहे हैं। उनके द्वारा ही यह प्रस्ताव रखा गया था कि स्टोनओवर ब्रिज के बोगड़े में ही मंदिर के लिए प्राधिकरण द्वारा निर्माण कराया जाए। इसमें शामिल है इस मंदिर की प्रतिमाओं की शिफ्टिंग हो जाए। इस फॉर्मूले पर क्षेत्र के अधिकार और मंदिर के पुजारी को सम्मानित किया गया। इस परिणाम में स्वरुप अथॉरिटी के बोगड़े द्वारा निर्माण कार्य का कार्य पूर्ण किया गया। कल इस मंदिर की प्रतिमाएं नए मंदिर वाले स्थलों पर बदल गई हैं। इसके साथ ही प्राधिकरण के द्वारा मंदिर के पुराने भवन को डेलाइटओवर ब्रिज के लिए निकाला गया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश का पहला डबल डेकर आर्किटेक्चरल ब्रिज लव कुश पोस्टर भी बनाया जा रहा है। इस रिज़ॉर्टओवर ब्रिज में भी एक शिव मंदिर के निर्माण के कारण बाधा उत्पन्न हो रही थी। इस बाधा को दूर करने के लिए डॉक्टर आशीष सिंह द्वारा दिए गए सहयोग के आधार पर अहिरवार के द्वारा वहां भी संवाद का माध्यम ही जोड़ा गया। उनके द्वारा कई चरणों में क्षेत्र के लोगों और मंदिरों में सेवा करने वालों से बातचीत की गई। अहिरवार ने वहां मंदिर के लिए वैकल्पिक स्थान का सुझाव दिया, जिसे अधिकारिक ने दूसरी ओर से मंदिर के भवन के निर्माण के लिए पहले स्थान पर रखा था। यह प्रथम प्रशासन जिला के सहयोग से सार्थक रही। कल इस शिव मंदिर की प्रतिमाओं को भी नए मंदिर में बदल दिया गया। इसके साथ ही इस स्थान पर भी मंदिर के भवन को एस्ट्रोवर ब्रिज के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया गया है।