रिपोर्ट- अरविन्द चौबे
अब तहसील के चक्कर लगाने और राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार से छुटकारा मिलने वाला है।मध्यप्रदेश सरकार द्वारा साइबर तहसील 2.0 को प्रदेशभर में लागू कर दिया गया है। इसके तहतनामांतरण आदेश, जरूरी दस्तावेज, खसरा, नक्शा ऑनलाइन एसएमएस, इमेल और व्हाट्सअप पर घर बैठे मिलेंगे*इसके अलावा आंशिक खसरा क्रय-विक्रय का ऑनलाइन नामांतरण भी 3 सप्ताह में होगा।इसके तहत पटवारी हो या तहसीलदार 10 दिनों के अंदर नामांतरण बंटांकन और नक्शे का काम करना होगा। तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार विवादित प्रकरणों के निराकरण में अधिक समय दे सकेंगे जिससे विवादित प्रकरण भी आपसी सहमति से त्वरित निराकृत होंगे। किसानों को भटकाना अब कड़ी कार्रवाई के दायरे में आएगा।*खसरा, नक्शा और जरूरी दस्तावेज अब ऑनलाइन*दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा साइबर तहसील 2.0 की शुरूआत से जमीन के क्रय-विक्रय के बाद नामांतरण की प्रक्रिया में लगने वाला महीनों का समय अब केवल 2 से 3 सप्ताह में बदल गया है। जमीन क्रय करने के बाद तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। जरूरी दस्तावेज, खसरा, नक्शा ऑनलाइन एसएमएस, इमेल और व्हाट्सअप पर घर बैठे मिलेंगे। सम्पूर्ण खसरा क्रय-विक्रय की प्रक्रिया ऑनलाइन थी। अब आंशिक खसरा क्रय-विक्रय प्रक्रिया भी ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ दिये गये है।8 लाख से ज्यादा नागरिक होंगे लाभान्वितप्रमुख राजस्व आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि 1 वर्ष में अमूमन सम्पूर्ण खसरे के क्रय विक्रय के लगभग 2 लाख और आंशिक खसरा क्रय-विक्रय के लगभग 6 लाख प्रकरणों का नामांतरण होता है। आंशिक खसरा क्रय-विक्रय के प्रकरणों का भी ऑनलाइन नामांतरण होने से प्रतिवर्ष लगभग 8 लाख से अधिक नागरिक लाभांवित होंगे।साइबर तहसील 2.0 में संपदा से प्राप्त अविवादित आंशिक खसरों के क्रय-विक्रय आधारित नामांतरण प्रकरणों में क्षेत्रीय स्तर पर एण्ड-टू-एण्ड ऑनलाइन सिस्टम के माध्यम से त्वरित निराकरण की व्यवस्था की गई है।साइबर तहसील 2.0 की नवीन व्यवस्था के अंतर्गत प्रकरण दर्ज होते ही पोर्टल द्वारा स्वतः ही ऑनलाइन सूचना पत्र, पटवारी मेमो और प्रथम पेशी दिनांक जारी किए जा सकेंगे। नागरिको को दावा आपत्ति संबंधी लिंक, आदेश प्रति, अद्यतन खसरा और नक्शों की प्रतियां SMC, Whatsapp या Email के माध्यम से घर बैठे प्राप्त होंगी।पटवारी प्रतिवेदन, खसरा नक्शा ड्राफ्ट सम्बंधित कार्य ऑनलाइन कर सकेंगे। राजस्व विभाग के इस नवाचार के लागू होते ही पहले जहां नामांतरण प्रक्रिया में औसतन 70 से 100 दिवस लगा करते थे अब वही कार्य 25 दिवसों के भीतर पूर्ण किया जा सकेगा। इस व्यवस्था में नामांतरण के बाद नामांतरण आदेश और खसरा नक्शा की अद्यतन प्रति ऑनलाइन इमेल और व्हाटसअप के माध्यम से घर बैठे नागरिकों को मिलेगी।क्या है साइबर तहसील 2.0साइबर तहसील 2.0 स्वचालित प्रणाली है। इससे एक ओर जहाँ नागरिकों को तहसील के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी। वहीं तहसील स्तर पर कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों की कार्य दक्षता बढ़ेगी। इससे अविवादित प्रकरणों के निराकरण त्वरित होने से संबंधित तहसील के राजस्व अधिकारी विवादित प्रकरणों पर पर्याप्त समय दे सकेंगे। जिससे विवादित प्रकरण भी आपसी सहमती से त्वरित निराकृत होंगे।