राकेश पाटीदार रुणजी गौतमपुरा
मप्र गांव से लेकर शहरों तक आवारा पशु से परेशान हों रहे, सभी ग्राम वासी और नगरवाशी लापरवाही किसकी, उन किसानों की जो इनको जरुरत खत्म तों आवारा छोड़ देते है। यें अबोध है आश्रित है पशुओ पर कहना गलत होगा, प्रसासनिक व्यवस्था में कोइ ऐसा क़ानून नही की जो किसान या पशुपालक इन पशुओ को छोड़ रहे है उन पर कार्यवाही हों,अभी गौतमपुरा और रुणजी के वार्ड में इतने आवारा पशु है की किसानों की खड़ी फसल पर नुकसान कर दे रहे है, कुछ तों मारने लगे है, नागरिकों को, नगर परिषद में पशु कैद गृह नही है, पहले था, हमारी एक किसान की हॉस्पिटल में मुलाक़ात पर पंकज पाटीदार रुणजी ने बताया उनके हाथ में क्या हुआ तों बताया सांड को भागने में उसने हमला कर दिया जैसे तैसे जान पर बन आई और हाथ टूट गया, ऐसे में किसान ही किसान का दुश्मन बन रहा है..कोइ शहरी इनको छोड़ नही रहा सिर्फ वो अवसर वादी लोग है जो इन अबोध पशुओ का दूध दोहन करके छोड़ जाते है, इन लोगो को चिन्हित करके कारवाही करनी होंगी,