रिपोर्ट रुपेंद्र सिंह चौहान
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 अगस्त, 2024 को सुबह 11 बजे नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-सशक्त फसलों की 109 किस्मों को जारी करके इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से बातचीत की।प्रधानमंत्री 61 फसलों की 109 किस्मों को जारी की, जिनमें 34 खेती की फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल होंगी। खेती की फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, बागान फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की ।प्रधानमंत्री ने सदैव समावेशी खेती और जलवायु अनुकूल पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। उन्होंने भारत को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए मध्याह्न भोजन, आंगनबाड़ी आदि कई सरकारी कार्यक्रमों से जोड़कर फसलों की जैव-सशक्त किस्मों को प्रोत्साहन देने पर भी जोर दिया है। प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कहा कि कृषि के क्षेत्र में उठाये गए इन कदमों से किसानों की अच्छी आय सुनिश्चित होगी और उनके लिए उद्यमिता के नए अवसर प्राप्त होंगे। उच्च उपज वाली 109 किस्मों को जारी करने का यह कदम इस दिशा में एक और कदम है।प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व को रेखांकित कियाकिसानों ने कहा कि नई किस्में अत्यधिक लाभकारी होंगी क्योंकि वे व्यय को कम करने में मदद करेंगी और उनका पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पडे़गाप्रधानमंत्री ने इन नई फसल किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की ।वैज्ञानिकों ने बताया कि वे अप्रयुक्त फसलों को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम करते रहे हैंप्रधानमंत्री ने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खाद्य की बढ़ती मांग पर चर्चा कीप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में फसलों की 109 उच्च उपज देने वाली, जलवायु अनुकूल और जैव-प्रतिबलित किस्मों को जारी किया।इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने किसानों और वैज्ञानिकों से परस्पर बातचीत भी की। इन नई फसल किस्मों के महत्व पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि में मूल्य संवर्धन के महत्व पर बल दिया। किसानों ने कहा कि ये नई किस्में अत्यधिक लाभकारी होंगी क्योंकि इनसे उनका व्यय कम होगा और पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।प्रधानमंत्री ने मोटे अनाजों के महत्व पर चर्चा की और इस बात को रेखांकित किया कि कैसे लोग पौष्टिक भोजन की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने प्राकृतिक खेती के लाभों और जैविक खेती के प्रति आम लोगों के बढ़ते विश्वास के बारे में भी बात की, उन्होंने कहा कि लोगों ने जैविक खाद्य पदार्थों का सेवन और मांग करना शुरू कर दिया है। किसानों ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।किसानों ने जागरूकता पैदा करने में कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) द्वारा निभाई गई भूमिका की भी सराहना की। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि केवीके को हर महीने विकसित की जा रही नई किस्मों के लाभों के बारे में किसानों को सक्रिय रूप से सूचित करना चाहिए ताकि उनके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।प्रधानमंत्री ने इन नई फसल किस्मों के विकास के लिए वैज्ञानिकों की भी सराहना की। वैज्ञानिकों ने बताया कि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए सुझाव के अनुरूप काम कर रहे हैं, ताकि अप्रयुक्त फसलों को मुख्यधारा में लाया जा सके।प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई 61 फसलों की 109 किस्मों में 34 प्रक्षेत्र फसलें और 27 बागवानी फसलें शामिल हैं। प्रक्षेत्र फसलों में मोटे अनाज, चारा फसलें, तिलहन, दलहन, गन्ना, कपास, रेशा और अन्य संभावित फसलों सहित विभिन्न अनाजों के बीज जारी किए गए। बागवानी फसलों में फलों, सब्जियों, रोपण फसलों, कंद फसलों, मसालों, फूलों और औषधीय फसलों की विभिन्न किस्में जारी की गईं।