राजेश विश्वकर्मा
दिल्ली हादसे के बाद इंदौर के बेसमेंट को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर अभियान चलाया था। इसके बाद निगम ने तय किया था कि शहर में बेसमेंट का सर्वे कर पता किया जाएगा कि वहां क्या गतिविधियां चल रही हैं।इंदौर नगर निगम के सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली जानकारी।शहर में 90 फीसदी से अधिक बेसमेंट अतिक्रमण के कब्जे में हैं।अब इनमें बनी दुकानें, रेस्टोरेंट और अन्य गतिविधियां होगी बंद।इंदौर नगर निगम के सर्वे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि शहर में 1100 बेसमेंट में से 1000 में किसी न किसी तरह का अतिक्रमण है। केवल 100 ही बेसमेंट ऐसे हैं, जिनमें वाहन पार्क किए जा रहे हैं।यह दोहराने की आवश्यकता नहीं कि बेसमेंट वाहनों की पार्किंग के लिए बनाए जाते हैं, लेकिन इंदौर में 90 फीसदी से अधिक बेसमेंट अतिक्रमण के कब्जे में हैं। दिल्ली के बेसमेंट में पानी घुसने से तीन युवाओं की मौत के बाद इंदौर नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है।बेसमेंट में कहीं दुकानें चल रही हैं तो कहीं अस्पताल, किसी बेसमेंट में रेस्टारेंट चल रहा है, तो कहीं कोचिंग क्लास। नगर निगम अब इन बेसमेंट में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करवाकर इनका उपयोग पार्किंग के लिए सुनिश्चित करवाएगा। *अब लगेगा प्रतिबंध*इंदौर नगर निगम के अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन ने बताया कि बेसमेंट में पार्किंग के स्थान पर अन्य गतिविधियां संचालित करने वाले भवनों के सर्वेक्षण का कार्य सतत जारी है। जिन स्थानों पर बेसमेंट में कोचिंग क्लासेस संचालित होते मिली थीं, उन्हें बंद करवाया जा चुका है। अब तक सर्वे में जहां दुकानें, अस्पताल, मार्केट व अन्य व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं, उन्हें बंद करवाया जाएगा। *एक माह का समय दिया* इंदौर नगर निगम ने बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित करने वालों को 10 दिन पहले सार्वजनिक सूचना पत्र जारी किया था। पत्र में बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधि बंद करने और बेसमेंट का उपयोग पार्किंग के लिए सुनिश्चित करने को कहा था। एक माह समाप्त होते ही उन बेसमेंट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जहां पार्किंग के बजाय व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं।