राजेश विश्वकर्मा
महाकाल मंदिर के गर्भगृह के उपर ओंकरेश्वर मंदिर और उसके भी शीर्ष पर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर प्रतिष्ठापित है। श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर में ११ वीं शताब्दीं की एक अद्भुत प्रतिमा स्थापित है, प्रतिमा में नागचन्द्रेश्वर स्वयं अपने सात फनों से सुशोभित हो रहे है। साथ में शिव पार्वती के दोनों वाहन नंदी एवं सिंह भी विराजित है। मूर्ति में श्री गणेश की ललितासन मूर्ति, उमा के दांयी ओर श्री कार्तिकेय की मूर्ति व उपर की ओर सूर्य-चन्द्रमां भी अंकित है। इस प्रकार श्री नागचन्द्रेश्वर की मूर्ति अपने आप में भव्य एवं कलात्मकता का उदहारण है। भगवान के गले और भुजाओं में भुजंग लिपटे हुए है। कहते हैं कि यह प्रतिमा नेपाल से यहां लाई गई थी। ऐसी मान्यता है कि, उज्जैन के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसी प्रतिमा नहीं है। इस प्रतिमा के दर्शन के उपरांत अंदर प्रवेश करने पर श्री नागचन्द्रेश्वर की मुख्य प्रतिमा (शिवलिंग) के दर्शन होते है। 08 अगस्त गुरुवार की रात्रि 12 बजे श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान के पट खुलेंगे। पट खुलने के बाद विशेष पूजा -अर्चना होगी। श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान की होगी त्रिकाल पूजा… नागपंचमी पर्व पर भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर की त्रिकाल पूजा होगी। गुरुवार 08 अगस्त की रात्रि १२ बजे पट खुलने के पश्चात श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे के महंत विनीत गिरी जी एवं कलेक्टर एवं अध्यक्ष श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा प्रथम पूजन व अभिषेक किया जावेगा। शुक्रवार 09 अगस्त को अपरान्ह्: १२ बजे अखाडे द्वारा पूजन होगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा 09 अगस्त को श्री महाकालेश्वर भगवान की सायं आरती के पश्चात श्री नागचन्द्रेश्वर भगवान की पूजन आरती श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी एवं पुरोहितों द्वारा की जावेगी। पूजन के बाद मंदिर के पट रात्रि 12 बजे बंद होंगे। इस प्रकार 08अगस्त की रात्रि 01से 09 अगस्त की रात्रि 12 बजे तक श्री नागचन्द्रेश्वर के पट 24 घण्टे खुले रहेंगे।