रिपोर्ट शांतिलाल पाटीदार राष्ट्रीय भारत न्यूज़ 100
इंदौर
देपालपुर कोटेश्वर धाम गौशाला कोद तहसील बदनावर मप्र, जब विराने में कोई पहल कर के वहा कुछ विकास या सकारात्मक कार्य हो जाता है तोंउस कार्य की वाहवाही हर कोई लेना चाहेगा ऐसा मामला अभी हमारे सामने आया, सूत्रों का कहना है की 2 गावों के कुछ वरिष्ठ ने मिल कर गौ साला का निर्माण का निर्णय लिया, और एक सयुक्त समिति बना ली जिसमे 500 सदस्य हो गये जो दान देते है,गांव कोद और गाजनोद के कुछ लोगो ने चंदा करके,वर्तमान में 10 लाख का तीन सेड भी बनवा दिया,धार कलेक्टर अलोक जी ने स्वयं रूचि लेकर निर्माण में मदद भी की और उनके करकमलो से उस गौशाला का उद्घाटन किया, और वर्तमान में 200 गाय है… *क्या है समस्या,* सभी गौशाला को शासन के निर्देश के मुताबिक 40 रूपये प्रति गाय की वित्त पोषण राशि तय की है, वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन जी यादव ने 20 रूपये से बड़ा कर 40 रूपये की है। लेकिन यें उन्ही गौ साला को राशि मिलती है जो कलेक्टर में गौसवर्धन राशि की पात्रता रखती हो। वहा के कुछ सदस्यों द्वारा कलेक्टर साहब को भी अवगत करवाया, उन्होंने समिति बनाने बोल भी दिया, परन्तु जलोद खेता ग्राम पंचायत की जमीन होने से वहा के *सरपंच संतोष मुनिया समिति का रजिस्ट्रेशन करवाने से मना कर दिया*, विधायक की भी नहीं सुन रहे है। कलेक्टर साब का कहना है। गौशाला में नरेगा का भी पैसा लगा है तों उसमे उनकी भी परमिसन लगेगी,वर्तमान में गायों का चारा और उनकी देख रेख और उनके स्वास्थ्य का खर्च, वर्तमान समिति कर रही, जो सामूहिक रूप से भूसा और चारा गांव गांव से एकत्रित करके गुजारा कर रहे है।*सरपंच की मन मानी से 200 गाय आज संकट के मुहाने पर है।*गायों को रहने और बारिश से कई दिक्कत हो रही। सरपंच संतोष मुनिया ऐसा क्यों कर रहा यें तों वो ही जाने ,, सूत्रों का कहना है सरपंच का जवाब है। मैरी समिति बनाऊगा और मेरे हिसाब से करुगा.मतलब मामला झोल झाल है।जो अभी तक लोगो ने लाखो रूपये का दान और संघर्ष किया वो उसको भूनाने के चक्कर में है। तरह तरह के बहाने बना कर गौ साला समिति नहीं बना रहा, उसकी जिद से कई गाये आज संकट के दौर में गुजर रही है। क्या इसका कोई समाधान मप्र शासन और प्रसासनिक अधिकारीयों के साथ हल निकालने में ग्रामीणों की मदद करेंगे समझने वाली बात रहेगी।