रिपोर्ट शांतिलाल पाटीदार
कोटेश्वर धाम कोद बदनावर मप्र,गौशाला के साथ कब होगा इंसाफ, सूत्रों के अनुसार, गौशाला का निर्माण 2021 में धार कलेक्टर अलोक सिंह जी के कर कमलों से हुआ, बाद में उद्योग मंत्री राजवर्धनसिंह दत्ती गांव ने नरेगा के अंतर्गत गो शाला निर्माण हेतु करीब 37 लाख रु मंजूर हुऐ , परन्तु ना तों समिति को मालूम की निर्माण राशि कितनी मिली और कितनी खर्च की गयी।पूर्व से वर्तमान तक गाजनोद, कोद,अमोदिया, रतनपुर रेशमगारा,जलोदिया बुलगारी, नागझिरी कोटेश्वर,जरीपड़ा सेमलिया, कलोल इन सभी गांव के लोगों ने मिलकर इसकी स्थापना में तन मन धन से सहयोग किया। वर्तमान में 500 सदस्य 1100 रूपये सालाना सहयोग दान राशि देते है। वर्तमान समिति की कार्यप्रसंसा सराहनीय है, 2000 सदस्य रखने का लक्ष भी है। दिनांक 22 /02/22 से आज तक इन 12 गांव के गौ सेवकों ने मिलकर 22 लाख 56 हजार रुपए एकत्रित कर गौशाला में सहयोग के रूप में लगा दिए गए हैं। यह अपने आप में पूरे जिले में बहुत बड़ी उपलब्धी है ।जो बहुत सराहनीय है।*क्यों हो रही समिति बनाने में दिक्कत।*कोटेश्वर धाम गौशाला भेट चढ़ी षडयंत्र रचने वालों की भेंट,जी हां गौशाला निर्माण में सरकारी कर्मचारी वह ठेकेदार से मिलकर एक ऐसा नेता जो सार्वजनिक रूप से सभी जानते है। जो अपने द्वारा किया गया भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए संबंधित पंचायत के सरपंच से मिलकर जनपद पंचायत के सीईओ, एसडीम कार्यालय, व पशु चिकित्सा अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज करवाई गई है। ताकि वर्तमान में जो गौशाला का संचालन कर रहा है उनके नाम पंजीयन ना हो और उनको यहा से हटाया सकें.क्योंकि पंजीयन होने के बाद गौशाला पंजीकृत समिति के हैंडओवर हो जाएगी उसके पश्चात समिति भवन निर्माण कार्य में किया गया भ्रष्टाचारके खिलाफ जांच की मांग कर सकती है।इन सारी चीजों को छुपाने के लिए यह अपने हिसाब से समिति बनाकर गौशाला को उनके हैंडओवर लीपा पोती करना चाहते हैं। भ्र्ष्टाचार को छुपाने के लिए जांच करेंगे तों कई सफ़ेद पोश आएंगे लपेटे में। जो वर्तमान में बेक डोर से खेल रहे है।सूत्रों से पता चला हे की इस व्यक्ति ने गौशाला समिति में भी रहा और वहां पर भी घोटाले किए थे,और आज तक कई रसीद कट्टो का हिसाब नही दिया हे,इस वजह से उसे गो शाला समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।*मूलभूत समस्या क्या है, और कैसे सुलझा सकते है।*क्योंकि 10 से 12 गांव ने मिलकर गौशाला का स्थापना की तथा निर्माण भी कराया इसमें नरेगा भी सम्मिलित है जब सरपंच संतोष मुनिया के पास समिति अनुमोदन के लिए गई तो सरपंच ने इस संबंध में अनुमोदन करने का मना बोल दिया क्योंकि गौशाला की स्थापना के समय इस तरह की कोई समस्या नहीं थी परंतु गौशाला की जगह ग्राम पंचायत जलोदिया में होने की वजह से यह समस्या का सामना समस्त गौ सेवकों को करना पड़ रहा है।..अतःप्रसासन और सरकारी महकमे से अब कोई गलती ना हो…और ग्राम सभा का आयोजन कर गौशाला के अंतर्गत जितनी भी पंचायतें आती है। उन सबको बुलाकर वर्तमान जो समिति कार्य कर रही है उसका रजिस्ट्रेशन करना होगा।नहीं तों गौशाला के नाम से सिर्फ बन्दरबाट रह जाएगी।और यें अतीत का पन्ना बन कर बंद हो जायेगा।