रिपोर्टर दुर्गेश पटेल
आदिवासी सिन्नर बालक छत्रवास रीठी बच्चों तथा शिक्षाओं द्वारा की गई साफ सफाई स्वच्छता अभियान के तहत बच्चों द्वारा किया गया स्वच्छता स्वच्छता ही सेवा’ भारत सरकार द्वारा चलाया जानेवाला एक विशेष स्वच्छता अभियान है।यहअभियान हर साल 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाता हैसंकल्प करो या करो विचार, बन्द करो अब भर्ष्याचार, दुनिया में इसके दुष्परिणाम, आओ मिलकर करें स्वच्छ भारत निर्माण अगर हम ठान ले, अगर हम मान ले, स्वच्छ भारत हो अपना, तो पुरा होगा हर एक सपना गन्दगी फैलाना आसान है, पर स्वच्छता मेरा अभीमान है, अगर गान्धी फैलाओगे, तो बिमारी उसका परिणाम है स्वच्छता के लिए हर संभव कोशिश कर जायेंगे, भारत को स्वच्छ बनाएँगे ‘स्वच्छता ही सेवा’जानते तो है हम सब, पर एक बार फिर दोहराते हैं। स्वच्छता अभियान के बहाने, खुद को याद दिलाते हैं।जाने अनजाने जो हम भूल जाते हैं. पानी बहता है तो बहता रहे बस छोड़ जाते हैं। कचरा मेने गिराया या तुमने गिराया बस बोल जाते हैं. हिम्मत करके उसे कूड़ेदान में डालना भूल जाते हैं।कहीं भी कुछ भी गिरा कर हम चले आते हैं. अपना घर आँगन गन्दा कर लिया ये भूल जाते हैं। यह स्वच्छता पखवाड़ा तो है बस याद दिलाने का, अपने घर-बहार को साफ़ और स्वच्छ बनाने का।क्यों न मिलकर बढ़ाये कदम सबके साथ, सँवारे सजा दें अपना ये चमन आज सबके साथ। इन पखवाड़ों का मतलब सार्थक तभी होता है, जब हर दिन, हर पल इन का अनुपालन होता है।तो गुजारिश है खुद से आप सब से, ती गुजारिश है बार बार हम सब से। जान लें गंदगी न होने देंगे हम अब से, ठान लें गंदगी न होने देंगे हम अब से। स्वच्छता ही सेवाराष्ट्रीय भारत न्यूज़ 100