रिपोर्ट विद्या चौरे, (लेखिका )राष्ट्रीय भारत न्यूज़ 100
कानपुर के पास रेल लाइन पर भरा हुआ गैस_सिलैंडर फट जाता तो कालिंदी एक्सप्रेस में सवार सैकड़ों निर्दोष यात्रियों की जान चली जाती।ट्रेन में आग लग जाती तो चलती ट्रेन बर्निंग ट्रेन बन जाती और एक और गोधरा घट जाता । किसे सुख मिलता ? बंद कमरों में बैठकर करुण चीत्कार पर कौन जश्न मनाता ? कोई तो है जो पूरे देश में हाहाकार कराकर ठहाके लगाने की तैयारियां कर रहा है ?लोकसभा चुनाव के बाद #ट्रेन को #डिरेल्ड करने की 14 बड़ी और 27 छोटी कोशिशें हुई हैं । यह बड़ा षड्यंत्र है जिसका पर्दाफाश करने के लिए अब एनआईए सहित अनेक एजेंसियां जुटी हुई हैं । इसी के साथ लोकसभा चुनाव के बाद कश्मीर में जिस तरह आतंकवाद बढ़ा है , वह भी कम आश्चर्य का विषय नहीं । अभी देखते जाइए क्या क्या होना बाकी है । दस सालों से जो जो दबा हुआ था , वह उछलने लगा है । यह कब से हुआ क्यों अचानक हुआ जानते हैं क्या ?यदि नहीं तो समझ जाइएगा । यह रेल जिहाद देश में हाहाकार मचाने के लिए है ताकि सब समझ जाएं कि दहशत की रात बीत गई है । यद्यपि सरकार तीसरी बार भी मोदी और एनडीए की आई है , अतः पटरी से रेलगाड़ी उतारकर मोदी सरकार को उतारने की कोशिश है । यह कोशिश कामयाब होने के आसार अभी न होते हुए भी कुछ लोग काम में जुटे हुए हैं । उनकी मंशा बिल्कुल नहीं कि यह सरकार एक साल भी चले । चूंकि लोकतंत्र में सत्ता छीनने का कोई भी सीधा रास्ता नहीं है अतः देश के भीतर और देश के बाहर की तमाम विरोधी शक्तियां एकजुट हो गईं । सत्ता की भूख से त्रस्त लोग जल्दी से जल्दी सत्ता चाहते हैं । इसके लिए पटरियों पर हादसे कराकर सरकार पटरी से उतारने की तैयारी है । यह जाने बगैर कि “रेलगाड़ियों में सभी धर्मों और सभी जातियों के लोग सफर करते हैं।लोग मरेंगे तो सभी के घरों में अंधेरा होगा, माटी में सभी का खून शामिल होगा।”तो क्या कहेंगे जब लाशें ही लाशें बिछी होंगी ? क्या यह कहेंगे कि किसी के बाप का हिंदुस्तान नहीं है ? वह कौनसी #आतंकी या #देशद्रोही ताकतें हैं जो रेल पलटकर हिन्दू मुस्लिम सभी के खून का स्वाद चखना चाहती हैं ? कोई तो है और जरूर है । भगवान का शुक्र है कि सिलेण्डर फटा नहीं , टकराकर दूर जा गिरा । पर क्या हर बार ऐसा होगा और किस्मत साथ देगी ? सरकार बनी पर कमजोर बनी , क्या इसी का लाभ उठाकर सरकार के प्रति कोई खुंदक निकाल रहा है ? वह भी इस हद तक गिर कर ? सोचिए , मामला गंभीर है ?